15 सितंबर 2025 से राशन कार्ड और गैस सिलेंडर संबंधी नई पॉलिसी लागू होगी, जिसका मकसद गरीब और वास्तविक लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का सही लाभ पहुंचाना है। नए नियम फर्जीवाड़े को रोकने के साथ-साथ राशन व गैस की उपलब्धता को पारदर्शी और सुरक्षित बनाएंगे।

बदलाव क्यों जरूरी थे?
हाल के वर्षों में डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए राशन वितरण प्रणाली में सुधार हुए, जैसे आधार लिंकिंग व ऑनलाइन केवाईसी, लेकिन फर्जी राशन कार्ड और गलत लाभार्थियों की समस्या बनी रही। इसीलिए अब सरकार ने बायोमेट्रिक सत्यापन, OTP वेरिफिकेशन और ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। यह सुनिश्चित करेगा कि लाभ केवल योग्य और सचमुच जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे।
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एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना का सशक्तरण
नई नियमावली से प्रवासी मजदूरों और गरीब परिवारों को लाभ होगा, जो किसी भी राज्य में रहते हैं वे अपनी राशन सुविधा आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। यह वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना को और प्रभावी बनाएगा।
नए नियमों की मुख्य बातें
- राशन कार्ड और गैस कनेक्शन को आधार से लिंक करना अनिवार्य रहेगा। इससे नाबालिग डुप्लीकेट कार्ड खत्म होंगे।
- सभी कार्डधारकों के लिए डिजिटल ई-केवाईसी प्रक्रिया जरूरी होगी।
- राशन वितरण के समय बायोमेट्रिक सत्यापन बिना अनाज नहीं मिलेगा।
- गैस सिलेंडर बुकिंग के लिए मोबाइल नंबर, आधार व केवाईसी जरूरी होंगे।
- सिलेंडर डिलीवरी के वक्त लाभार्थी को OTP देना अनिवार्य होगा, बिना OTP गैस नहीं मिलेगी।
- गैस की बुकिंग सीमा प्रति परिवार महीने में अधिकतम 2 सिलेंडर होगी।
- सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
जरूरी दस्तावेज
वस्तुओं एवं सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता विवरण, मोबाइल नंबर और जरूरत पड़ने पर आय प्रमाण पत्र आवश्यक होंगे। बिना इन दस्तावेजों के सेवा बाधित हो सकती है।
नए नियमों के फायदे
- फर्जी और डुप्लीकेट राशन कार्ड खत्म होंगे।
- बायोमेट्रिक सत्यापन से केवल वास्तविक परिवार को राशन मिलेगा।
- OTP वेरिफिकेशन गैस चोरी व गलत डिलीवरी को रोकेंगे।
- सब्सिडी सीधे बैंक खाते में जाने से बिचौलियों का रास्ता बंद होगा।
- प्रवासी मजदूर किसी भी राज्य में रहकर आसानी से राशन ले पाएंगे।
- महिलाओं के नाम पर गैस कनेक्शन में पारदर्शिता बढ़ेगी और उन्हें निवेश समय पर सब्सिडी मिलेगी।
सावधानियां और जिम्मेदारियां
लाभार्थियों को अपने आधार और मोबाइल नंबर अपडेट रखना होगा ताकि OTP प्रक्रिया सुचारू हो सके। साथ ही समय-समय पर आवश्यक दस्तावेज भी अपडेट करना जरूरी होगा। सरकार हर पांच साल में पात्रता की समीक्षा करेगी और पात्र नहीं रहने वालों के नाम सूची से हटाए जाएंगे।